पीसीओएस होने पर प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए ये टिप्स आजमाएं
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पीसीओएस होने पर प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए ये टिप्स आजमाएं
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पीसीओएस महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल डिसॉर्डर है. इस बीमारी का सीधा असर महिलाओं की प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) पर पड़ता है और उन्हें गर्भधारण करने में मुश्किल होने लगती है. यहां बताए गए टिप्स पीसीओएस के लक्षणों को कम करते हैं और प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं.
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पीसीओएस की वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होने लगता है. इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर चीजें जैसे कि फल, साबुत अनाज, पत्तेदार सब्जियां और कई तरह की दालें खाएं. इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है.
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पीसीओएस वाली महिलाओं में इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या होने लगती है. रोजाना कुछ देर ऐरोबिक्स और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वाली एक्सरसाइज़ करने से इंसुलिन लेवल नियंत्रित रहता है.
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लंबे समय तक तनाव में रहने से हार्मोन और पीरियड साइकिल अनियमित होने लगते हैं जिसका सीधा प्रभाव आपकी प्रजनन क्षमता पर पड़ता है. इसलिए अपनी लाइफ से स्ट्रेस कम करें और नियमित कुछ देर ध्यान और योगा करें.
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अपने पीरियड साइकिल और ओव्यूलेशन पीरियड को ट्रैक करते रहें. इसके लिए आप ऐप्स का सहारा ले सकती हैं. गर्भवती होने की प्लानिंग और डॉक्टर से चर्चा के दौरान ये डेटा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
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इन लक्षणों से पहचानें कहीं आपको तो नहीं है पीसीओएस